शि.वा.ब्यूरो, शामली। मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के सभाकक्ष में ‘विश्व रेबीज दिवस’ के अवसर पर बुधवार को एक गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें जिला सर्विलांस अधिकारी, समस्त अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, हेल्थ स्पेशलिस्ट, जिला एपिडेमियोलॉजिस्ट तथा चिकित्सा अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
गोष्ठी में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजय अग्रवाल ने रेबीज बीमारी के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि रेबीज वायरस है जो कुत्तों के काटने से होता है। उन्होंने बताया कि सही समय पर उपचार नहीं मिलने से बहुत से प्रतिकूल प्रभाव सामने आते हैं, इसलिए कुत्तों के काटने पर जल्द से जल्द डॉक्टर से इलाज कराने की जरूरत होती है। उन्होंने बताया कि यह एक जानलेवा बीमारी है, लेकिन बचाव पूर्णतः संभव है।
पब्लिक हेल्थ स्पेशलिस्ट डॉ. करन चौधरी ने बताया कि इस साल 16 वां विश्व रेबीज डे मनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि रेबीज डे को हर साल नई थीम के साथ सेलिब्रेट किया जाता है और इस साल की थीम ‘रेबीज: वन हेल्थ, जीरो डेथ्स’ है। उन्होंने बताया कि यह थीम मनुष्यों और जानवरों के बीच के संबंध को हाइलाइट करती है। उन्होंने बताया कि जानवर के काटने पर बिना समय गवाएं, तत्काल उस जगह को साबुन या किसी एंटीसेप्टिक लोशन से अच्छी तरह साफ कर लेना चाहिये, इसके बाद नजदीकी चिकित्सक से संपर्क करें। उन्होंने बताया कि बिना देर किए 48 घंटे के अंदर रेबीज की वैक्सीन जरूर लगवाएं।
उन्होंने बताया कि रेबीज का संक्रमण कई दिनों या सालों बाद लक्षण उभर सकता है। माना जाता है कि अगर गर्दन या सिर के आस पर जानवर काट लेता है तो उसका संक्रमण जल्दी से फैलता है। रेबीज के प्रारंभिक लक्षणों में आमतौर पीड़ित व्यक्ति को उस जगह पर झुनझुनी होती है, जिस जगह जानवर ने उसे काटा है। इसके अलावा बुखार, भूख न लगना और सिरदर्द जैसी शिकायत भी शुरू हो जाती है, इसलिए अगर किसी व्यक्ति को जानवर ने काटा है, तो उसे जल्द से जल्द चिकित्सक से मिलना चाहिए और एंटी रेबीज टीके लगवाने चाहिए।
संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. शाहिस्ता ने बताया कि बुखार आना, सिरदर्द, मुंह में अत्यधिक लार बनना, व्यावहारिक ज्ञान शून्य होना, मानसिक विक्षिप्तता, हिंसक गतिविधियां,अति उत्तेजक स्वभाव, अजीब तरह की आवाजें निकालना, हाइड्रोफोबिया (पानी से डर लगना), अपने में खोए रहना, शरीर में झनझनाहट होना, अंगों में शिथिलता आना, पैरालाइज हो जाना आदि रेबीज के लक्षण है। उन्होंने बताया कि ऐसी किसी भी परिस्थिति में तुरंत डॉक्टर को दिखाएं और उपचार करवाएं।