वो बुढ़िया



(मुकेश कुमार ऋषि वर्मा),  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।


"गरीब बुढ़िया /बीमार बुढ़िया 

रो रही थी /गिडगिडा रही थी

बस अंदर जाना चाहती थी 

डाॅक्टर से मिलना चाहती थी

लेकिन 

बुढ़िया के पास फूटी कौड़ी तक नहीं थी

इसलिए तो गेटमैन 

बुढ़िया को सुना रहा था 

भद्दी - भद्दी गालियां-----"


ग्राम रिहावली, डाक तारौली गूजर, 

फतेहाबाद, आगरा 283111


काव्य-संग्रह काव्य दीप (31 कविताओं का संग्रह है। जिनका प्रकाशन रवीना प्रकाशन दिल्ली से 2018 में हुआ है।) से साभार


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