वरिष्ठ नागरिकों के लिए अलग से मंत्रालय बनाने की मांग (शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र के वर्ष 14, अंक संख्या 38, दिनांक 14 अप्रैल 2018 में प्रकाशित लेख का पुनः प्रकाशन)


संजय शर्मा ‘राज’ मुंबई। मुंबई की सामाजिक संस्था गांधी विचार मंच के अध्यक्ष व मुंबई कांग्रेस की विभागीय कांग्रेस समिति वरिष्ठ नागरिक सेल के अध्यक्ष मनमोहन गुप्ता ने सरकार से वरिष्ठ नागरिकों के लिए अलग मंत्रालय बनाने के मांग की है। श्री गुप्ता का कहना है कि देश में 30 करोड़ से ज्यादा वरिष्ठ नागरिक है, जिनकी समस्या सुनने के लिए कोई भी मंत्रालय नहीं है। उन्होंने मांग की है कि जिस तरह बाल विकास एवं महिला विकास मंत्रालय है, उसी तर्ज पर वरिष्ठ नागरिको के लिए मंत्रालय बने। श्री गुप्ता ने कहा कि चाहे आईपीएस आॅफिस हो, सरकारी कर्मचारी हो, दुकानदार हो, बिजनेसमैन हो, पत्रकार हो, टीचर हो, बैंकर हो, सेना के लोग हों। ये सभी लोग अपने जीवन के बहुमूल्य 60 साल या उससे ज्यादा समय देश को देते है, लेकिन रिटायरमेंट के बाद उन्हें गार्बेज या बेकार समझकर छोड़ दिया जाता है। सरकार चाहे तो उनके अनुभव को देश के विकास में उपयोग ला सकती है, लेकिन वरिष्ठ नागरिकों की समस्या सुननेवाला कोई नहीं है। वे कैसे जीवनयापन कर रहे हैं, किस हाल में हैं? मनमोहन गुप्ता कहते है कि हम लोग पेड़ की जड़ है और बाकी युवा पीढ़ी इसकी टहनियां और पत्ते है। यदि पेड़ को तकलीफ होगी या पेड़ काटेंगे तो टहनियां और पत्ते भी सूखकर गिर जायेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार वरिष्ठ नागरिकों के लिए नये मंत्रालय का गठन करे और उनको मिलिटरी कैंटीन की तरह सस्ते में सामान दे, उनको हवाई यात्रा के दौरान एयरपोर्ट टैक्स इत्यादि फ्री करे, अस्पतालों में सस्ते में या मुफ्त में इलाज हो। श्री गुप्ता ने बताय कि मैं वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक वेब साईट और एक एप्प्स बनवा रहा हूँ, जो जल्द लाॅन्च होगी। जिससे वरिष्ठ नागरिकों की समस्या जानकर उसके अनुसार ठोस कदम उठाया जा सके।


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